सूरज के सुस्त होते ही,
एक और साँझ होते ही,
पंछी अपने घर जा रहे हैं |
मैंने इन्हें सुबह देखा था अपनी सैर पर
कुछ व्यस्त थे दाने की तलाश में
कुछ चहक रहे थे किसी को उठाने की आस में
कोई आया था गिलहरी से मिलने
तो किसी ने आज एक नया घोंसला बुनने का फ़ैसला किया था|
मैंने फिर इन्हें दिन भर कहीं नहीं देखा
ये व्यस्त थे, मैं व्यस्त थी
पर अब साँझ होते ही
एक पूरा चक्कर लगा कर
अपने सारे काम निपटा कर
मैं अब घर जा रही हूँ
और संग मेरे,
पंछी अपने घर जा रहे हैं |
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