और घर कहाँ है तुम्हारा? इस सवाल का कौनसा जवाब हो सही | गांव बताऊँ जहाँ अब हम जाते नहीं, या वो शहर जहाँ पिता की नौकरी थी |
गुलाबी थी उसकी दीवारें , जिस पर मैंने लिखना सीखा था | पर जब तक शब्द बना पाती, एक नया शहर बदलना था |
फिर क्यों पूछो,
कि घर कहाँ है तुम्हारा?
घर वो एक मकान नहीं,
जहाँ मेरा भी एक कमरा हो |
घर वो एक शहर नहीं,
जिसके अस्पताल में परिवार जन्मा हो |
घर तो लम्बी राह पर,
बिछा एक पत्त्थर भी |
जब थकन ने कहा,
दो पल बैठ तो सही |
या घर वो हर इंसान भी,
जहाँ मन ने कहा,
अब तो बसना यहीं |
घर तो है जग सारा |
फिर क्यों पूछो,
कि घर कहाँ है तुम्हारा?
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