शाम सात पर जो अँधेरा हो जाए,
तब तक घर लौटना पड़ता है उसे,
मगर वो आज़ाद है|
कुर्ते की बाजू जो काँधे से सरक जाये,
इशारों में ही सही करना होता है उसे,
मगर वो आज़ाद है|
बड़ी उस हवेली में,अलग जाती होने पर,
किराये का एक कमरा ना मिले उसे,
मगर वो आज़ाद है|
चौके में सजे जाने कितने बरतन है,
लेकिन कहार की कटोरी चम्मच अलग है,
मगर वो आज़ाद हैं|
घर से कूड़ा इकठ्ठा करने वालाजो गेट छू जाए,
तो सर्फ़ से कुंडा धुलता है,
मगर वो आज़ाद है|
कहने की बातो में
कागज़ी दस्तावेजों में,
वो आज़ाद है|
वो आज़ाद है, तुम आज़ाद हो|
पर, क्या वो आज़ाद है?
क्या तुम आज़ाद हो?
Comments